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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अब ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने के लिये नवीन तकनीक अपना रहे हैं. इसमें ग्राहक अपनी पासबुक में लेनदेन का पूरा ब्यौरा खुद दर्ज कर सकते हैं.
बैंक शाखाओं में ऐसी साफ्टवेयर वाली कंप्यूटरीकृत मशीनें लग रहीं हैं जहां ग्राहक खुद अपनी पासबुक अपडेट कराने के साथ-साथ पैसा जमा करने,निकालने सहित विभिन्न सेवाओं को अपेक्षाकृत थोड़े समय में ही हासिल कर सकते हैं.
बैंकों का मानना है कि ऐसी आधुनिक सुविधाओं से जहां एक तरफ ग्राहकों को फायदा मिलेगा वहीं दूसरी तरफ बैंकों की लागत भी कम होगी.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने इस की शुरुआत करते हुए दिल्ली,मुबंई,कोलकाता,चेन्नई और अहमदाबाद में ऐसी सुविधाओं वाली कुछ अत्याधुनिक शाखाएं खोली है.
राष्ट्रीय राजधानी में करोलबाग और द्वारका समेत चार स्थानों पर ऐसी शाखाएं खोलीं गई हैं.
बीओआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने से कहा, ‘बैंक ने फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र समेत चारों महानगरों एवं अहमदाबाद में अत्याधुनिक शाखाएं खोली हैं. ‘भविष्य की बैंक शाखायें’ नाम की इन शाखाओं में ऐसी मशीनें लगी हैं जहां ग्राहक स्वयं पासबुक अपडेट कर सकते हैं. इनमें बैंकिंग कामकाज निपटाने में ज्यादा समय नहीं लगता.’
परियोजना के पहले चरण में बैंक ने सितंबर तक देश भर में ऐसी 100 शाखाएं खोलने का लक्ष्य रखा है.
वरिष्ठ प्रबंधक स्तर के इस अधिकारी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में बैंक के एटीएम के पास ऐसी मशीन लगाई जाएंगी जिससे ग्राहक जब चाहें अपनी सुविधा से बैंक पासबुक में लेनदेन का पूरा ब्यौरा दर्ज कर सकेंगे.
बैंक आफ इंडिया के अधिकारी ने कहा कि जिन शाखाओं में ऐसी मशीनें लगीं हैं और ग्राहकों के लिये बेहतर सुविधायें उपलब्ध कराई गईं हैं उनमें खाता खोलने की संख्या बढ़ गयी है.
अधिकारी ने यह भी कहा, इस तरह की मशीनें लगने से बैंकों की लागत भी काफी कम होगी.
उसके अनुसार ‘बैंक को एक कर्मचारी पर औसतन हर महीने 50 हजार रुपये खर्च आता है, जबकि मशीन की लागत 1.5 लाख रुपये तक है और इसके रखरखाव पर 5,000 का मासिक खर्च होगा. ऐसे में मशीन पर सालाना खर्च 2.10 लाख रुपये आयेगा जबकि कर्मचारी पर औसतन 6 लाख रुपये खर्च होता है.
बैंकिंग ऑनलाइन डॉट कॉम के प्रबंध निदेशक अमित कुमार के अनुसार बैंकों में आने वाली कुल शिकायतों में 40 प्रतिशत पास बुक अपडेट नहीं होने या स्टेटमेंट से जुड़ी होती हैं. ऐसे में इस प्रकार की तकनीक से इस प्रकार की शिकायतें कम होंगी.
बैंक शाखाओं को आधुनिक रुप दिये जाने के मामले में बीओआई के अधिकारी ने बताया, ‘इसके तहत कर्मचारियों की बैठने की जगह 80 प्रतिशत से घटाकर 20 से 40 प्रतिशत तक कर दी गयी है जबकि ग्राहकों के लिये स्थान मौजूदा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 से 80 प्रतिशत तक किया गया है. इससे ग्राहकों को शाखा में आने और बैठने की पूरी व्यवस्था होगी और उन्हें अपना काम करवाने में आसानी महसूस होगी.
इसके अलावा इस प्रकार की शाखाओं में कतार प्रबंधन प्रणाली भी अपनायी गयी है ताकि किसी भी ग्राहक को अपने काम में ज्यादा वक्त नहीं लगे.
अधिकारी ने कहा, ‘हमने इन शाखाओं बुजुर्ग ग्राहकों और ज्यादा रकम रखने वाली प्रमुख ग्राहकों समेत सभी के लिये कतार प्रबंधन प्रणाली शुरू की है. इसके तहत उन्हें बैंक संबंधी काम करवाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
very nice 'information' thanks
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DeleteGood Podt
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Deleteआपके ब्लाग पर आना हुआ पर निरासा भी हुई कि यहा पर ज्वाईन करने का विजेट नही लगा है इसे लगावे
ReplyDeleteयुनिक ब्ला ग ----- फेसबुक टाईमलाईन
भाई साहब अभी तो ब्लॉग शुरू किया है आप लोगों का सहयोग मिला तब यह सब भी सीख जाउंगा.
Deleteशानदार पोस्ट थैंक्स.
ReplyDeletebeby pande.जी, धन्यवाद.
Deleteसुन्दर जानकारी,शानदार पोस्ट थैंक्स
ReplyDeleteमनोज जी, धन्यवाद.
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