सनिल सक्सेना : नोटों की गड्डियां लेते और देते वक्त जरा होशियार रहिएगा। पता लगा कहीं से मिले रुपये बैंक में जमा करने गए और पहुंच गए हवालात। नकली नोटों के बढ़ते प्रवाह पर अंकुश लगाने के लिए रिजर्व बैंक ने इंतजाम किया है कि अगर किसी एक लेनदेन में पांच से ज्यादा नकली नोट मिलते हैं तो बैंक तत्काल मामले की एफआईआर कराएगा।
वहीं चेस्ट में मिले नकली नोटों की सूचना आरबीआई को देने पर नोटों का एक चौथाई मूल्य आरबीआई इंसेंटिव के रूप में बैंकों को देगा। अभी तक बैंक शाखाओं में जमा की जाने वाली नकदी की फौरी जांच कैशियर करता है। उसके बाद संबंधित बैंक के करेंसी चेस्ट में लगी अत्याधुनिक मशीनों में उसकी गहन छानबीन होती है, जिसमें सड़े-गले और नकली नोट अलग किए जाते हैं।
सड़े-गले नोट तो रिजर्व बैंक में भेज दिए जाते हैं लेकिन नकली नोटों की भरपाई बैंक को करनी होती है। कई बार जिस शाखा के कैश में गड़बड़ी पाई जाती है, वहां से भी दंड स्वरूप राशि जमा करा ली जाती है।
इस बीच 28 जून को रिजर्व बैंक के प्रिंसिपल चीफ जनरल मैनेजर बीपी विजयेंद्र ने अधिसूचना जारी करके स्पष्ट किया है कि यदि किसी लेन-देन में बैंक को पांच से कम नकली नोट मिलते हैं तो उसकी सूचना नोडल पुलिस स्टेशन में दी जाएगी। वहीं एक लेनदेन में पांच या पांच से अधिक नोट नकली नोट मिलते हैं तो बैंक तत्काल उसकी एफआईआर कराएंगे।
यही नहीं नकली नोटों के पैटर्न और ट्रेंड के संबंध में भी पुलिस और आरबीआई को लगातार अवगत कराएंगे। वहीं नकली नोटों का ब्यौरा एक अलग रजिस्टर में बनाया जाएगा। संबंधित बैंक की फोर्ज नोट विजिलेंस सेल प्रत्येक माह ई-मेल के जरिए आरबीआई को इसकी सूचना देगा।
आरबीआई में स्थित डिपार्टमेंट ऑफ करेंसी मैनेजमेंट प्रत्येक तीन माह में कुल नकली नोटों के मूल्य की 25 फीसदी राशि मुआवजे के तौर पर देगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि जून माह में आए नोटों का मुआवजा लेने के लिए 15 जुलाई तक सूचनाएं दी जा सकती हैं। एक साल बाद पूरी प्रक्रिया का रिव्यू होगा।
तीन गुना जुर्माना देना होगा
इतना सब होने के बाद भी बैंक अगर नहीं चेते तो गंभीर परिणाम भी भुगतने होंगे। आरबीआई ने स्पष्ट कहा है कि यदि रिजर्व बैंक के रुटीन निरीक्षण में बैंक शाखा या फिर चेस्ट में नकली नोट पाए जाते हैं तो जितने मूल्य के नकली नोट मिलेंगी उसकी तीन गुना राशि बैंक को पेनाल्टी के रूप में भुगतनी होगी। बैंक की संलिप्तता की जांच होगी के अतिरिक्त सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
वहीं चेस्ट में मिले नकली नोटों की सूचना आरबीआई को देने पर नोटों का एक चौथाई मूल्य आरबीआई इंसेंटिव के रूप में बैंकों को देगा। अभी तक बैंक शाखाओं में जमा की जाने वाली नकदी की फौरी जांच कैशियर करता है। उसके बाद संबंधित बैंक के करेंसी चेस्ट में लगी अत्याधुनिक मशीनों में उसकी गहन छानबीन होती है, जिसमें सड़े-गले और नकली नोट अलग किए जाते हैं।
सड़े-गले नोट तो रिजर्व बैंक में भेज दिए जाते हैं लेकिन नकली नोटों की भरपाई बैंक को करनी होती है। कई बार जिस शाखा के कैश में गड़बड़ी पाई जाती है, वहां से भी दंड स्वरूप राशि जमा करा ली जाती है।
इस बीच 28 जून को रिजर्व बैंक के प्रिंसिपल चीफ जनरल मैनेजर बीपी विजयेंद्र ने अधिसूचना जारी करके स्पष्ट किया है कि यदि किसी लेन-देन में बैंक को पांच से कम नकली नोट मिलते हैं तो उसकी सूचना नोडल पुलिस स्टेशन में दी जाएगी। वहीं एक लेनदेन में पांच या पांच से अधिक नोट नकली नोट मिलते हैं तो बैंक तत्काल उसकी एफआईआर कराएंगे।
यही नहीं नकली नोटों के पैटर्न और ट्रेंड के संबंध में भी पुलिस और आरबीआई को लगातार अवगत कराएंगे। वहीं नकली नोटों का ब्यौरा एक अलग रजिस्टर में बनाया जाएगा। संबंधित बैंक की फोर्ज नोट विजिलेंस सेल प्रत्येक माह ई-मेल के जरिए आरबीआई को इसकी सूचना देगा।
आरबीआई में स्थित डिपार्टमेंट ऑफ करेंसी मैनेजमेंट प्रत्येक तीन माह में कुल नकली नोटों के मूल्य की 25 फीसदी राशि मुआवजे के तौर पर देगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि जून माह में आए नोटों का मुआवजा लेने के लिए 15 जुलाई तक सूचनाएं दी जा सकती हैं। एक साल बाद पूरी प्रक्रिया का रिव्यू होगा।
तीन गुना जुर्माना देना होगा
इतना सब होने के बाद भी बैंक अगर नहीं चेते तो गंभीर परिणाम भी भुगतने होंगे। आरबीआई ने स्पष्ट कहा है कि यदि रिजर्व बैंक के रुटीन निरीक्षण में बैंक शाखा या फिर चेस्ट में नकली नोट पाए जाते हैं तो जितने मूल्य के नकली नोट मिलेंगी उसकी तीन गुना राशि बैंक को पेनाल्टी के रूप में भुगतनी होगी। बैंक की संलिप्तता की जांच होगी के अतिरिक्त सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
अच्छी जानकारी सनिल जी थैंक्स.
ReplyDeleteबेबी पांडे जी थैंक्स.
Deleteअच्छी जानकारी सनिल जी.
ReplyDeleteथैंक्स मनोज सर
Deleteइस जानकारी के लिए आपका शुक्रिया सुनिल जी...
ReplyDeleteथैंक्स के. सी. मईड़ा सर
DeleteSunil ji bade kaam ki jankari di aapne, Thanks.
ReplyDeleteShayad aapko ye bhi pasand aaye- Objectives of organic farming in india & Dry farming crops in india